अकबर-बीरबल
अकबर बीरबल के बारे में तो लगभग आप सभी जानते होंगे, तो चलिए आज मैं आपको उनके राज्य का एक रोचक किस्सा सुनाता हूँ।
एक बार की बात है राजा अकबर के राज्य में अचानक ही बहुत भीषण बाढ़ आ गयी। जिसमें कई घर बाढ़ में तबाह हो गए, जानवर इधर से उधर बह गए कितने ही मर गए। लोगों के घरों के बर्तन और सामान सड़क पर तैरने लगे।
लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे कुछ लोग पेड़ों पर चढ़ गए कुछ अपने घर की छतों पर चढ़ गए। पर बाढ़ का बहाव इतना भीषण था कि उसने नुकसान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
Akbar-Birbal |
कुछ समय बाद बाढ़ के शांत होने के बाद राजा अकबर अपने मंत्रियों के साथ अपने राज्य की स्थिति देखने निकलें तो उन्होंने देखा कि कैसे लोग बेचारे बाढ़ से परेशान अपने घर के बिखरे हुए सामान को सम्भालने में लगे हैं।
उन्होंने देखा कि सभी का बहुत नुकसान हुआ है लोगों के पास खाने को नहीं था, बच्चे भूख से बिलख रहे थे। माँ बच्चों को अपनी गोद में उठाकर झूठा दिलासा दे रही थी।
इतना करुणामयी दृश्य देखकर राजा अकबर ने तुरंत अपने मंत्रियों से कहकर तत्काल एक बहुत बड़ी धर्मशाला का निर्माण कराया और पूरे राज्य में यह घोषणा करा दी कि जितने भी बाढ़ पीड़ित हैं वो यहाँ आकर रुकें उन्हें यहाँ किसी चीज की कमी नहीं होगी ।
इतना करुणामयी दृश्य देखकर राजा अकबर ने तुरंत अपने मंत्रियों से कहकर तत्काल एक बहुत बड़ी धर्मशाला का निर्माण कराया और पूरे राज्य में यह घोषणा करा दी कि जितने भी बाढ़ पीड़ित हैं वो यहाँ आकर रुकें उन्हें यहाँ किसी चीज की कमी नहीं होगी ।
जब जीवन पुनः अपनी पटरी पर आ जाये तो वे अपने अपने घर जा सकते हैं। उस धर्मशाला में खान पान की पूर्ण व्यवस्था थी राजघराने के 50 रसोइये वहां लोगों के लिए भोजन का प्रबंध करते थे।
अपने राजा के इस प्रबंध से प्रजा बहुत ही खुश और निश्चिन्त हो गयी और धीरे धीरे जब जीवन सही हुआ तो सभी अपने घर चले गए। एक दिन एक बूढ़े व्यक्ति ने राजा को इस प्रबंध के लिए 2 छोटे-छोटे बाज़ के बच्चे भेंट किये। दोनों बच्चे बहुत प्यारे थे और राजा अकबर भी उन्हें बहुत पसंद करते थे।
Eagle on tree |
राजा ने गाँव से एक कुशल प्रशिक्षक को बुलाकर उसे दोनों बच्चे दे दिए कि तुम इन्हे अच्छा प्रशिक्षण दो इन्हे उड़ना सिखाओ इन्हे शिकार करना सिखाओ आदि।
प्रशिक्षक दोनों बच्चों को लेकर चला गया और दोनों को प्रशिक्षण देने लगा। काफी समय बीत गया एक दिन राजा अकबर ने अपने मंत्री बीरबल से कहा कि चलो बीरबल अपने बाज़ों को देखकर आते हैं अब वे बड़े हो गए होंगे।
राजा अकबर मंत्री बीरबल के साथ उस प्रशिक्षक के पास पहुंचे और कहा कि दोनों बाज़ों को लेकर आओ। वो दोनों बाज़ों को लेकर आया बाज़ वाकई बहुत बड़े हो गए थे राजा बहुत प्रसन्न हुए।
उन्होंने कहा कि इन्हें उड़ाकर दिखाओ। प्रशिक्षक ने दोनों बाज़ों को उड़ाया दोनों ही नीलगगन में उड़ने लगे परन्तु उनमें से एक बाज़ कुछ देर बाद नीचे आकर एक पेड़ की डाल पर बैठ गया।
राजा चौंक गए और प्रशिक्षक से पूछा कि ऐसा क्यों वो बाज़ इतना ऊँचे उड़ रहा है और ये नीचे क्यों आ गया। इसे भी ऊँचा उड़ाओ ।
राजा ने डांट कर कहा पर प्रशिक्षक ने कहा कि साहब ये ऐसा ही है बचपन से ये थोड़ा सा उड़ता है और फिर नीचे आ जाता है। राजा गुस्से से उन दोनों बाज़ों को अपने साथ लेकर चले गए।
उन्होंने नगर में घोषणा करा दी कि जो भी व्यक्ति इन्हे ऊँचा उड़ना सिखा देगा उसे बहुत सारी स्वर्ण मुद्रा का इनाम दिया जाएगा। बहुत सारे बड़े बड़े विद्वान् आये प्रशिक्षक आये पर जैसे ही वे उस बाज़ को उड़ाते तो वो कुछ ही देर में नीचे आके उसी पेड़ की डाल में बैठ जाता सब ने काफी प्रयास किया पर सब विफल रहे।
Eagle in air |
एक दिन राजा अकबर सुबह जैसे ही उठकर अपने खिड़की पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दोनों ही बाज़ बड़ी ऊँची उड़ान उड़ रहे थे राजा यह देखकर चौंक गए उन्होंने उस व्यक्ति को ढूढ़ना शुरू किया नगर ढूढ़ने के लिए सैनिक दौड़ा दिए।
कई दिनों बाद वह व्यक्ति मिला राजा ने पूछा कि तुमने यह चमत्कार कैसे किया ? तो उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि महाराज मैं तो एक लकड़हारा हूँ । मेरा काम लकड़ी काटना है मैंने उस लकड़ी को ही काट दिया जिसपर वो बाज़ बैठता था इसलिए अब वह वहां नहीं बैठ पाता और ऊँची उड़ान उड़ता है।
राजा ने उसकी बहुत प्रशंसा की और उसे ढेरों स्वर्ण मुद्राएं देकर सम्मानित किया।
शिक्षा :-
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम सभी ऊँचा उड़ने के लिए बने हैं पर कभी कभी हम विलासिता (Luxury) के इतने आदी हो जाते हैं कि अपने अंदर की असली शक्ति को और काबिलियत को भूल जाते हैं।
यदि आप भी ऐसी ही किसी विलासिता की आदत के शिकार हैं तो कृपया उस आदत से बाहर निकलिए और अपने अंदर के तूफ़ान को पहचानिये।
मैं नीचे कुछ अच्छी कहानियों की किताबें Recommend कर रहा हूँ आप चाहे तो Amazon से purchase कर सकते हैं। घर में बच्चों को अच्छी कहानियां पढ़ाने से उन्हें अच्छा motivation मिलता है। बच्चे अच्छी कहानियों से inspire होते हैं तो उनमें अच्छी आदतें आती हैं।
तो दोस्तों कैसा लगा आपको अकबर बीरबल का यह रोचक किस्सा। मुझे Comment करके जरूर बताएं। और अपना प्यार यूं ही बनाये रहेँ।
धन्यवाद !
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5 Comments
This is informative.
ReplyDeleteInformative!
ReplyDeleteIt was a nice read . It took me back to my childhood days when I used to read so many Akbar and Birbal stories... Keep it up
ReplyDeletethanks a lot for your good motivation
DeleteThanks for recommending such a lovely book.. well it reminds me of childhood 😊
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